Thursday 13 October 2022

विश्वास

 








मुझे पसंद हैं करवा चौथ पर 

सजी-धजी स्त्रियां 

चटख साड़ी, बिंदी, मेहंदी, चूड़ियों 

के साथ उनकी खनकती हंसी 

और प्रेम भरी आंखें 

साथ ही उनका अटल विश्वास 

कि वो सक्षम हैं 

शायद ईश्वर से भी ज़्यादा। 


सुबह से रात तक भूखी-प्यासी 

वो नहीं दिखतीं विचलित 

वो जानती हैं कि 

इस भूख-प्यास को 

वो यूँ ही हरा देंगी 

जैसे हरा देती हैं 

असंख्य व्रतों में भूख को 

जैसे हरा ही देती हैं 

अपने इर्द-गिर्द बने दायरों को

कटाक्षों को, आक्षेपों को 

और जीत ही जाती हैं 

अपनी हिम्मत और विश्वास से। 


मैं कैसे तौलूं उन्हें 

पितृसत्ता या विश्वास 

के तराजू पर 

मेरा तौल कभी 

सही होगा ही नहीं 

क्यूंकि मेरे पास 

नहीं है वो बाट जो 

तौल दे प्रेम और विश्वास। 


सदा मज़बूत रहना स्त्रियों 

तुम ईश्वर से जीतने 

का विश्वास रखती हो 

संसार तो जीत ही लोगी 

उड़ लो अपनी उड़ान 

जीत लो हर जंग जो

अब तक कठिन लगती थी 

क्यूंकि मुश्किलें

विश्वास से बड़ी नहीं होती। 


~ प्रियंका सिंह