वो तुमसे किया जो प्रेम था,
किसी और से फिर किया ही नहीं
तन दिया, जीवन दिया पर
मन तो किसी को दिया ही नहीं
तुम जब चाहे स्वप्न में आ जाते,
किसी और को ये हक दिया ही नहीं
हर बार दुखाया दिल तुमने,
कभी कोई गिला किया ही नहीं
जहाँ छोड़ गये इक ज़ख्म तुम,
वो दिल का चाक सिया ही नहीं
वो चाक भी महके चंदन सा,
तेरी खुशबू को रुखसत किया ही नहीं
वो तुमसे किया जो प्रेम था,
किसी और से फिर किया ही नहीं।
~ प्रियंका सिंह
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